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श्री आदि बद्री षष्ठ स्वात्माख्य आम्नायः

· John Smith · festival/events  · 3 min read

श्री आदिबद्री अक्षय तृतीया सतूआ तीज मेला: एक ऐतिहासिक विरासत

आदि बदरी में मंत्रा माता मार्ग पर भव्य सतुआ तीज मेला और कुश्ती प्रतियोगिता।

आदि बदरी में मंत्रा माता मार्ग पर भव्य सतुआ तीज मेला और कुश्ती प्रतियोगिता।

आदिबद्री अक्षय तृतीया सतूआ तीज मेला एक प्राचीन और ऐतिहासिक आयोजन है, जो राजा विराट द्वारा प्रारंभ किया गया था। इस मेले का आयोजन अक्षय तृतीया के शुभ मुहूर्त पर किया जाता है, जो हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को पड़ता है।

प्रैस विज्ञप्ति

आदि बद्री ( व्यासपुर) : गांव काठगढ़ पूर्व सरपंच और राजा विराट धरोहर संरक्षण संस्थान के संयोजक सुल्तान सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि गांव कतगढ़ में वर्षों की तरह इस बार भी अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर विशाल मिले तथा कुश्ती दंगल का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने इस मिले तथा दंगल के पीछे के इतिहास की जानकारी देते हुए बताया की जब राजा विराट की बेटी उतरा का विवाह अर्जुन के बेटे अभिमन्यु के साथ हुआ तो विवाह और दो मजबूत परिवारों के मिलन की खुशी में इस मेले का आयोजन प्रारंभ किया गया था। तभी से कुश्ती दंगल का आयोजन किया जाता रहा है, जो आज भी जारी है। सदियों से ग्राम पंचायत काठगढ़ निवासियों के द्वारा सतूआ तीज मेले पर संत महात्माओं के पूजन उपरांत क्षेत्र के बुजुर्ग लोगों का सम्मान कर दंगल प्रारंभ किया जाता है। यह मेला आदिबद्री की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को प्रदर्शित करता है। आदिबद्री अक्षय तृतीया सतूआ तीज मेला का महत्व न केवल ऐतिहासिक है, बल्कि यह मेला क्षेत्र की सांस्कृतिक और सामाजिक एकता को भी प्रदर्शित करता है। इस मेले में भाग लेने वाले लोग आदिबद्री की समृद्ध विरासत को अनुभव कर सकते हैं। आदिबद्री अक्षय तृतीया सतूआ तीज मेला एक महत्वपूर्ण आयोजन है, जो राजा विराट द्वारा प्रारंभ किया गया था। यह मेला आदिबद्री की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को प्रदर्शित करता है और क्षेत्र की सामाजिक एकता को बढ़ावा देता है।

पूर्व सरपंच सुल्तान सिंह ने इस ऐतिहासिक मिले तथा इसके साथ जुड़े हुए महत्वपूर्ण घटनाक्रम की जानकारी विधि उनका और गांव वालों का मानना है कि आदि बद्री एक महत्वपूर्ण धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल है, जो यमुनानगर जिले में स्थित है। यहाँ कई महत्वपूर्ण घटनाएं और कथाएं जुड़ी हुई हैं, जो इसे एक पवित्र और ऐतिहासिक स्थल बनाती हैं। आदि बद्री में स्थित माता मंत्र देवी मंदिर एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जो माता मंत्र देवी को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण पांडवों ने राजा विराट के साथ मिलकर किया था। यह मंदिर आदि बद्री के प्रमुख आकर्षणों में से एक है और यहाँ के धार्मिक महत्व को और भी बढ़ाता है। आदि बद्री अक्षय तृतीया मेला एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है, जो आदि बद्री में आयोजित किया जाता है। यह मेला अक्षय तृतीया के अवसर पर आयोजित किया जाता है, जो हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को पड़ता है। आदि बद्री एक महत्वपूर्ण धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल है, जो माता मंत्र देवी मंदिर, वेदव्यास और महाभारत की रचना, पांडवों का अज्ञातवास, राजा विराट के महल के प्राप्त अवशेषों, शिवलिंग की प्राप्ति, और आदि बद्री अक्षय तृतीया मेला जैसी महत्वपूर्ण घटनाओं और कथाओं से जुड़ा हुआ है। यह स्थल धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व का केंद्र है और यहाँ के आयोजनों और गतिविधियों में भाग लेने से लोगों को आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अनुभव प्राप्त होता है।

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